Ratnakar Mishra

04/28/2016

केरला की कहानी V2.1 -Exam एक ऐसा तेज हवा का झोका है ,जो कभी –कभी आप के सारे कपडे ले उडता है

Filed under: कहानी — ratnakarmishra @ 2:20 am

Exam एक ऐसा तेज हवा का झोका है ,जो कभी –कभी आप के सारे कपडे ले उडता है

Exam मैं पास या फेल सब उपर वाले के हाथ मैं है ,

क्या ,क्या बकवास कर रहे हो भाई ?

अरे सच्ची ,जब तक ठोकर खा के गिरते नहीं तब तक बड़े आदमी बनते है

दिल बहलाने के लिए ग़ालिब ये ख्याल अच्छा है

अब मुझे नहीं सुननी तुम्हारी बकवास

यहाँ सारे लौंडे पार्टी कर रहे है और हम यहाँ पार्क मैं बैठ कर अपनी …..

शांत भाई शांत दुनिया खतम नहीं हुई है हमारी

मुझे और तुम्हे लगा के करीब बाईस बन्दे फेल है ,पेपर मैं

ओह्ह ऐसा क्या ?

हाँ सच्ची मैं बे

हाँ बे

मगर यार अब हमारा क्या होगा ?

हम अगली बार निकल लेंगे बे

पक्का न ,

चल चाय और सुट्टा लगाते है .

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