मीरा
रोहित क्या किसी का नाम “काम” हो सकता है ?
गाडी मैं अपना सामना रखते हुए मीरा ने कहा .
क्या ? रोहित ने सीट बेल्ट लगाते हुए आश्चर्य से कहा
हाँ मुझे बभी बड़ा अजीब सा नाम लगा .
कार Heathrow एअरपोर्ट से निकल कर सेंट्रल लंदन की और दौड़ लगा रही थी .
हाँ ,कुछ तो अजीब सा हुआ था मेरे साथ ,मेरे बदन का जलना और वो आग ,मैं उस ‘काम’ और कबीर को अपने दिमाग से निकाल नहीं पा रही हूँ .
अब ये ‘ काम ‘ का क्या चक्कर है ?और ये कबीर कौन है ?मीरा को अपने मैं बुदबुदाते देख रोहित ने पूछा .
कुछ नहीं ,तुम ड्राइविंग पे कंसन्ट्रेट करो मैं जरा आराम करती हूँ .
मीरा ने जैसे ही आँखे बंद की उसके सामने कबीर और काम का चेहरा नज़र आने लगा .
रोहित तुम मुझसे कितना प्यार करते हो ?
क्या ?
अचानक से पूछे गए इस सवाल पर रोहित ने अपना चेहरा ऐसा बनाया जैसे की अभी –अभी उसने करेला खाया हो .
अरे इसमें मुह बनाने वाली बात कहाँ है, मैं तो बस पूछ रही थी कि ,खैर छोड़ो .ऐसा करो साइड करके गाड़ी रोक दो .
ये क्या मजाक है मीरा ? रोहित ने गुस्से मैं कहा .
कुछ नहीं बस साइड करके रोक दो ,बड़े ही शांत स्वर मैं मीरा ने कहा ,मगर जिस अंदाज़ से उसने अपनी आँखे दिखाए रोहित ने कार साइड कर दी .
और हाँ ,आज के बाद तुम मुझे कांटेक्ट करने की कोई कोशिश भी मत करना और मेरा जो सामान तुम्हारे फ्लैट मैं प है वो भिजवा देना .एक आदेश सा देने वाला भाव था उस समय मीरा के चेहरे पे.
रोहित अचानक से आये मीरा मैं आये इस बदलाव को समझ नहीं पा रहा था ,उसे लगा उसने कोई गलती की है
I am sorry मीरा ,यदि मैंने कोई गलती की है तो माफ़ कर दो .मगर इस तरह से ….
मगर मीरा ने उसकी बात को अनसुना करते हुए अपने मोबाइल से एक नंबर डायल किया .
कुछ देर बाद तक वो रोहित की कार को देखती रही जब तक की वो ओझल नहीं हो गयी .
तभी उसका ध्यान एक गाड़ी के हॉर्न ने तोड़ा जो उसके पास आ कर रुकी .
मैं ने सोचा था की तुम मेरे साथ आओगी मगर ,
बात को बीच मैं ही काटते हुए मीरा ने कहा ‘काम ‘ मैं रोहित के साथ अपने रिश्ते को एक मौका देना चाहती थी .
अच्छी शुरुआत है. आगे बढाएं 🙂
Comment by Sandeep Nayyar — 03/03/2018 @ 1:53 pm |