कितनो ने किया है अब तक सच का सामना
सच जो की कड़वा हो सुनने मैं बुरा हो
सच का सामना इतना आसान नहीं
क्यों की जो दिखता है वो सच नहीं
सच तो चुप है जो किसी से बोलता नहीं
सच की चुप्पी ऐसी है की जैसे कुछ हो ही नहीं
सच अनंत आकाश मैं फैला हुआ है
बस दिल से उसे देखो और अपना लो
10/29/2010
सच का सामना
10/22/2010
क्यों तुम इतना याद आ रहे हो..
जब भी याद आता है तेरा चेहरा
हमारा दिल च्हुँक उठता है
मगर अगले ही पल वो शांत सा हो जाता है
मैं ने चाहा की तुम याद न आओ
मगर तेरे यादो ने ऐसा होने ना दिया
दिल की बगिया अभी उजरी -उजरी सी है
तेरी हसी की यादो ने उस मैं फूल ही फूल खिला दिए
ये जमी बंज़र सी दिखती है तेरी यादो मैं
लेकिन तेरी आँखों की यादो ने इनमें भी सैलाब ला दिया
क्यों तुम इतना याद आ रहे हो ….
10/30/2009
मित्र
जैसे- जैसे हम हमारे जीवन का रास्ता तय करते है
मिलेंगे लोग हर रोज़ हमे नये..
अधिकांश केवल संयोग से मिले हैं.
लेकिन, कुछ को हमारे रास्ते में भेजा जाता है.
इन दोस्तों में क्या खास है
कौन सा बंधन हैं हम नहीं बता सकते हैं;
उनके प्यार की कोई सीमा नहीं होती है.
उनकी उपस्थिति हम मैं जोश बढ़ाता है
उनका साथ दिल में गर्मी महसूस कराता है.
यह प्यार जब एक दालान पर हो जाता है,
तब भी मील की दूरी पर हो जाती है.
और हां, इन दोस्तों को, भगवान हमारे रास्ते में भेजता है,
रहने के लिए हमारे पास हमेशा ..