हम फिल्म का एक फेमस डायलॉग है , “इस दुनिया में दो तरह का कीड़ा होता है. एक वो जो कचरे से उठता है और दूसरा वो जो पाप की गंदगी से उठता है “,बस ऐसा ही कुछ -कुछ मान लो कि ,दो तरह के इंसान होते है ,एक जो अपना पेट काट काट कर पैसे बचाता है ,और दूसरा जो दुसरे का पेट काट कर पैसे उड़ाता है , तो दुसरे की बात किसी दुसरे दिन ,चलो आज पहले की बात करता हूँ जो पेट काट -काट के पैसे बचाता है .
सोहन ने अभी -अभी अपना पचीसवा बसंत देखा है ,तीन साल पहले इंजीनियरिंग पास करने के बाद बंगलोरे की एक आईटी कंपनी मैं नौकरी लग गयी ,बंगलौर के तीन साल कैसे बीते पता भी नहीं चला ,वीकेंड पार्टी ,दोस्त ,ट्रिप और न जाने क्या -क्या ,मोदी जी के कैश्लेश इकॉनमी का चलता फिरता उदाहरण ,महीने भर क्रेडिट कार्ड से मौज फिर महीने के स्टार्ट मैं बिल पे ,बड़ी अच्छी लाइफ चल रही थी ,घर से न कोई मांग ,न कोई लाईबीलिटी जिन्दगी एक दम से फ़ास्ट एंड फूरिउस टाइप से भाग रही थी ,की अचानक से सन्डे की सुबह का एक फोन कॉल और फिर .ज्यादा फ़िल्मी न बनो ,घबराने की कोई जरूरत नहीं है , मम्मी का फोन था , मम्मी ने एक लड़की पसंद कर ली थी और सोहन को उससे मिलने जाना था ,जेपी नगर के ” हकुना मटाटा ” रेस्टोरेंट मैं . सुबह से ही इस सोहन का हकुना अलग हो चूका था और मटाटा अलग ,मेरा मतलब उसकी हवा निकल गयी थी ,कहाँ आजादी के सांस अच्छे से उसने लेना शुरू ही किया था कि ,घर वालो ने इन्हेलर थमा दिया . बस इसी परेशानी मैं पिछले तीस मिनट मैं तीन बारबाथरूम जा चूका था , वो तो गनीमत ये थी की सन्डे था नहीं तो रूम मेट से पीटने से कोई नहीं बचा सकता था .
अब तो बड़े हो जाओ .
मम्मी आप भी !
अरे ये क्या तू अब पच्चीस क हो गया है ,अब तेरे लिए लड़की नहीं देखेगे क्या ? सुबह -सुबह मम्मी जी ने फोन पर अपना तुगलकी फरमान सुना दिया ,देख गुप्ता जी की लड़की की भी शादी हो गयी है ,अब तेरा ही नंबर है
ये गुप्ता जी के लड़के क्या कम थे ,जो अब उनकी लडकिया भी हम आम आदमी की जिन्दगी मैं साप बन कर डसने आ गए ,वैसे एक बात मेरी समझ मैं आज तक नहीं आई की ,साला पूरी दुनिया मैं सिर्फ गुप्ता जी के बच्चे ही काबिल है .
डोनाल्ड ट्रम्प का पडोसी भी जरूर कोई न कोई गुप्ता होगा ,स्टीव जाव ,अम्बानी सभी के साथ कोई न कोई गुप्ता जी का लड़का भी पढ़ता होगा ,सिर्फ एक देश हमारे आस -पास ऐसे है जहाँ गुप्ता जी कुछ नहीं चलती ,वैसे इस इंटरनेशनल मसले से ज्यादा ज्वलंत था सोहन का “हकुना मटाटा” जाना .